*Paanch (5) Waqt Ki Namazo Ki Misaal*

*Paanch (5) Waqt Ki Namazo Ki Misaal*
Hazrat Abu Huraira (RaziAllahu Ta’ala Anhu) Se Riwayat Hai
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RasoolAllah (Sallallahu Alaihi WaSallam) Ne Irshad Farmaya:
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“Batlaao Agar Tum Me Se Kisi Ke Darwaze Par Naher Jaari Ho, Jis
Me Rozana Paanch (5) Dafaa (Baar) Wo Nahata Ho To Kya Us Ke Jism Par Kuchh Mail Baaqi RaheGa?
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Sahaba Ne Arz Kiya Ke Kuchh Bhi Nahi
Baaqi Rahega.
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Aap (Sallallahu Alaihi WaSallam) Ne Irshad Farmaya:
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Bilkul Yahi Misaal Paanch (5) Namazo Ki Hai,
Allah Ta'ala Un Ke Zariye Se Khatao
(Gunah) Ko Dhota Aur Mitata Hai”
.
[Muslim Shareef]

[1] Fazar Ki 4 Rakat
(2 Sunnat Aur 2 Farz).
[2] Zohar Ki 12 Rakat
(4 Sunnat + 4 Farz + 2
Sunnat + 2 Nafil)
[3] Asar Ki 8 Rakat
(4 Sunnat + 4 Farz)
[4] Magrib Ki 7 Rakat
(3 Farz + 2 Sunnat + 2
Nafil)
[5] Isha Ki 17 Rakat
(4 Sunnat + 4 Farz + 2
Sunnat + 2 Nafil + 3 Vitr
+ 2 Nafil).



*पाँच  (5) वक़्त  की  नमाज़ो  की   मिसाल *

हज़रत  अबू  हुरैरा  (रज़िअल्लाहु  ता ’अला  अन्हु ) से  रिवायत  है 
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रसूलल्लाह  (सल्लल्लाहु  अलैहि  वसल्लम ) ने  इरशाद  फ़रमाया :
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“बतलाओ  अगर  तुम  में  से  किसी  के  दरवाज़े  पर  नहर  जारी  हो , जिस 
में  रोज़ाना  पाँच  (5) दफा  (बार ) वो  नाहटा  हो  तो  क्या  उस  के  जिस्म  पर  कुछ  मैल  बाक़ी  रहेगा ?
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सहाबा  ने  अर्ज़  किया  के  कुछ  भी  नहीं 
बाक़ी  रहेगा .
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आप  (सल्लल्लाहु  अलैहि  वसल्लम ) ने  इरशाद  फ़रमाया :
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बिलकुल  यही  मिसाल  पाँच  (5) नमाज़ो  की  है ,

अल्लाह  ता 'अला  उन  के  ज़रिये  से  ख़ताओं 
(गुनाह ) को  धोता  और  मिटाता  है ”
.
[मुस्लिम  शरीफ ]



[1] फज़र  की  4 रकत 
(2 सुन्नत  और  2 फ़र्ज़ ).

[2] ज़ोहर  की  12 रकत 
(4 सुन्नत  + 4 फ़र्ज़  + 2
सुन्नत  + 2 नफिल )

[3] असर  की  8 रकत 
(4 सुन्नत  + 4 फ़र्ज़ )

[4] मगरिब  की  7 रकत 
(3 फ़र्ज़  + 2 सुन्नत  + 2
नफिल )

[5] ईशा  की  17 रकत 
(4 सुन्नत  + 4 फ़र्ज़  + 2
सुन्नत  + 2 नफिल  + 3 वित्र 
+ 2 नफिल ).

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