सुन्नतें कितनी -क्या अम्ल ज़रूरी





SUNNATEIN KITNI-KYA AML ZARURI




Sunnat Ka Karna Zururi Hai Or Karnewala Ajar O Sawab Paayega.*Sunnat K Baghair Namaaz Kaamel Nahi Hogi Or Namaaz Ka Sawaab Bhi Kam HoJayega.*Sunnat Ko Jaan-Buj Kar Chhodne Wala Shariyat Ki Nazar Mein Bohot Bura Hai.*Sunnat Ko Hamesha Chhodne Ki Aadat Daalne Wala Azaab Ka Haqdaar Hai.




TAKBIRE TAHRIMAH-SUNNATEIN Takbire Tahrimah K Liye
Haath Uthana.

★ Haathon Ki Ungliyan Apne Haal Par Chhodna..Na Kadak KareNa Bilkul Milaye.


★ Hatheliyon Or Ungliyon Ka Pait Ka


Rukh Qible Ki Taraf Hona.

★ Takbir Kehte Waqt Sar Ko NaJhukana.
★ Takbir Shuru Karne Se Pehle Hi Dono Haath Kaano Tak Utha Lena.

★ Takbire Qunut Or Dono Eidon Me Bhi Isi Tarah Kare.

★ Imaam Ka Unchi Aawaaz Se..
Allahuakbar..Samiallahuliman Hamidah..Or Salaam Kehna.

★ Takbir K Baad Foran Haath
Bandh Lena.





QE-YAAM KI SUNNATEIN Bandh Lena.
★ Mard Naaf K Niche Haath Baandhe..Siidhe Haath Ki Hatheli Ulte Haath Ki Kalaai K Joint Par Chhoti Ungli Or Anguthe Se Kalaai Pakad Le Or Baaki 3 Ungliyan Kalaai Ki Piith Par Rakhein.

★ Takbire K Baad Foran Sana
Padhna.

★ A-Oo-Zu..Sirf Pehli Rakat Me Hi
Padhna.

★ Bismillah..Har Rakat K Shuru Mein
Padhna.

NAMAAZ K AHKAAM MOMIN KI NAMAAZ
■ Hazrate Ali..Kar-Ramal-Lahu Wajha-Hul Karim..Kehte Hain.. Umar Daraz ( Boodhe ) Aadmi Ka Mash-Wara..Jawaan Ladkon Ki Taaqat O Zor Se Zyada Achchi Hai.(14)
★ Namaaz Ki Kul Sunnatein Taqriban 96 Hai.
★ Pehle..Sana Fir A-Oo-Zu..Fir Bismillah..Padhna ..Or..Tiino Ko Aik K Baad Aik Foran Padhna..Or Sab Ko Itni Aawaaz Se Padhna K Khud Sun Sake.

★ Aameen Kehna..Or AahistaHAMAARA ISLAAMAQWAALE HAZRAT ALI



सुन्नतें कितनी -क्या अम्ल ज़रूरी


सुन्नत का करना ज़रूरी है और करने वाला अजर ओ सवाब पायेगा .*सुन्नत के बग़ैर नमाज़ कामिल नहीं होगी और नमाज़ का सवाब भी कम हो जायेगा .*सुन्नत को जान -बुज कर छोड़ने वाला शरीयत की नज़र में बोहोत बुरा है .*सुन्नत को हमेशा छोड़ने की आदत डालने वाला अज़ाब का हक़दार है .

तक्बीरे तहरिमह -सुन्नतें तक्बीरे तहरिमह के लिए
हाथ उठाना .

हाथों की उँगलियाँ अपने हाल पर छोड़ना ..ना कड़क करे ना बिलकुल मिलाये .


★ हथेलियों और उँगलियों का पेट का

रुख क़िब्ले की तरफ होना



★ तकबीर कहते वक़्त सर को ना झुकना .
★ तकबीर शुरू करने से पहले ही दोनों हाथ कानो तक उठा लेना .

★ तक्बीरे क़ुनूत और दोनों ईद में भी इसी तरह करे .

★ इमाम का ऊँची आवाज़ से ..
अल्लाहुअक्बर ..समीअल्लाहुलिमन हमीदह ..और सलाम कहना .

★ तकबीर के बाद फ़ौरन हाथ
बांध लेना .





की-याम की सुन्नतें बांध लेना .
★ मर्द नाफ के निचे हाथ बांधे ..सीधे हाथ की हथेली उलटे हाथ की कलाई के जॉइंट पर छोटी ऊँगली और अंगूठे से कलाई पकड़ ले और बाकी 3 उँगलियाँ कलाई की पीठ पर रखें .

★ तक्बीरे के बाद फ़ौरन सना
पढ़ना .

★ आ-ऊ-जो ..सिर्फ पहली रकत में ही
पढ़ना .

★ बिस्मिल्लाह ..हर रकत के शुरू में
पढ़ना .

नमाज़ के अहकाम मोमिन की नमाज़
■ हज़रते अली ..कर -रमल -लहू वजह -हल करीम ..कहते हैं .. उम्र दराज़ ( बूढ़े ) आदमी का मश -वारा ..जवान लड़कों की ताक़त ओ ज़ोर से ज़्यादा अच्छी है .(14)
★ नमाज़ की कुल सुन्नतें तक़रीबन 96 है .
★ पहले ..सना फिर आ -ऊ -जो ..फिर बिस्मिल्लाह ..पढ़ना ..और ..तीनो को एक के बाद एक फ़ौरन पढ़ना ..और सब को इतनी आवाज़ से पढ़ना के खुद सुन सके .

★ आमीन कहना ..और आहिस्ताहमारा इस्लामकवाले हज़रत अली





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